काम वासना से दूर, सच्चा प्यार...
एक बार मुझे अपनी वो गर्ल फ्रेंड मिली, जिससे मेरा बहुत पहले ब्रेकअप हो चूका था! अब वो शादीशुदा थी और मुझसे मिलना चाहती थी, मुझे भी कोई ऐतराज नहीं था! हम दोनों के बीच पहले कभी, कोई शारीरिक सम्बन्ध नहीं हुआ था! क्यूंकि हम दोनों एक दुसरे को बहुत प्यार करते थे! उसकी शादी भी मेरे ही शहर में हुई थी! और मुझे पता था कि, वो मुझसे क्यूँ मिलना चाहती है!

हम दोनों अक्सर फ़ोन पर बाते करते थे, और जब एक दिन उसका पति शहर से बाहर गया हुआ था! तो, उसने मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर की, लेकिन उसने पहले ही कह दिया कि, उसके पास सिर्फ ३ घंटे होंगे! अब मैं वो 3 घंटे उसके साथ बिताना चाहता था! मेरे दिल में उसके लिए कभी कोई गलत बात या कामुकता नहीं थी!

मैंने उसे अपने उस विदेशी दोस्त के कमरे में ले जाने को कहा, तो उसने मना कर दिया! उसके मना पर मैंने उससे पूछ ही लिया, क्या आज तुम्हे मुझ पर विश्वास नहीं है? मेरे इस प्रश्न से करने वो सहम गयी और बिना कुछ बोले मुझसे बोली कि, जहां तुम ले जाना चाहो वो तैयार है! अब एक निश्चित स्थान पर हम दोनों समयानुसार मिले! मैं उसे देखते ही दांग रह गया!

आज उसका गदराया हुआ शरीर, गहरे हरे रंग का कुर्ता, लाल सलवार और लाल चुन्नी ने उसे और आकृषित बना दिया था! उसका गोरा रंग और उसके बदन की खुशबु मदहोश करने वाली थी! वो अपनी कार में आयी, और हम दोनों पहली बार आज गले मिले! मैं उसकी कार में बैठ गया और अब उसकी गाडी बॉयज हॉस्टल की और मेरे विदेशी दोस्त के रूम की और चल दी!

कुछ ही देर में हम दोनों बॉयज हॉस्टल के कमरे में थे! कमरे में पहुचते ही उसने मुझे गले लगा लिया और उसकी आँखों में आंसू आ गए! मैंने उसके आंसुओ को पी लिया, और उसकी ज़िन्दगी में उसका हमेशा साथ निभाने का वादा किया! वो आई लव यू (I LOVE YOU) कह कर मेरे गले से चिपक गयी! उसका गले लगना मेरे अंदर कोई कामुकता पैदा नहीं कर रहा था! मेरे दिल में आज भी उसके लिए वही पुराना प्यार था! और वो प्यार एक शारीरिक नहीं एक आत्मिक (Spiritual) था! हम दोनों एक दुसरे की बाहों में घंटो बैठे बातें करते रहे! उसने मुझे रिझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन शायद वो मेरे उस प्यार को नहीं समझ पा रही थी!

एक घंटा बीता, दो घंटे बीते हम दोनों ने एक दुसरे को किस भी किया, लेकिन आज मुझे उसके साथ कोई उतेजेना नहीं हुई! उसने बहुत कोशिश कि, की हम दोनों आगे बढ़ जाये लेकिन मैंने आज उसे मना कर दिया! समय भी कम था तो, मैंने उसे चलने को कहा! वो बेचारी भी चलने को तैयार हो गयी! जाने से पहले उसने मुझे गले लगाया और चूमा, फिर यह कह कर कि, मैं उसके लायक नहीं हूँ जाने लगी! मैंने उसे रोका और कहा की मैंने उसे दिल से प्यार किया है, ना उसके शरीर से! और यही वो मेरा सच्चा प्यार था जो काम वासना से दूर था! लेकिन शायद वो नहीं समझ पाई और चली गयी! उसके बाद मैंने भी पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा!


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