एक लड़की की अनोखी दास्तान...
कभी-कभी ज़िंदगी में कुछ चीजे अपने-आप हो जाती हैं, लेकिन जब आपको उसका सही मायनो में पता लगता है, और आप उसे उसी तरीके से इस्तेमाल करते हैं. तो, वो आप की एक अदा या एक स्टाइल या एक तरीका बन जाता है। जिसमे आपको एक महारत हासिल रहती है!

बात उस समय की है, जब मैं कॉलेज में था! उस समय हमारी कॉलोनी का एक लड़का, जो मुझसे बड़ा था, लेकिन मेरा दोस्त भी था! उसे लडकिया देखना, उन्हें अपनी घटिया हरकतों से इम्प्रेस करना, शायद अच्छा लगता था! जब कहीं किसी, सुन्दर युवती या सुन्दर लड़की को देख ले तो, उसकी कोई न कोई हरकत शुरू हो जाती थी! इसलिए शायद उससे कोई लड़की नहीं पटी, और बेचारा आज, शादीशुदा है और २ बच्चो का बाप भी है।

एक बार उसने मुझसे पुछा, यह बात 1990 की है, अगर मुझे साइकिल दे दी जाये तो, क्या मैं किसी लड़की को पटा सकता हूँ? मैंने बड़ी ही सहजता से जवाब दिया कि, इस काम के लिये मुझे, साइकिल की कोई ज़रूरत नहीं है! मैं लड़की पैदल चलते-चलते पटा सकता हूँ! उसे बड़ा ही आश्चर्य हुआ, और बोला वो कैसे? मैंने जवाब दिया वो, मुझपर छोड़ दो!

एक दिन की बात है कि, हम दोनों कॉलेज जा थे, की मैंने एक बहुत ही ख़ूबसूरत लड़की को, जो हमारे ही कॉलेज में पढ़ती थी, और शायद कॉलेज के कई लड़के उसके पीछे थे, शायद एक नज़र में मुझको भी पसंद आ गयी! वो लड़की कॉलेज में होम साइंस सेक्शन में थी! उसने मुझे देखा, और मैंने उसे, शायद हम भी उसे कुछ अच्छे लगे. लेकिन कोई बात नहीं हो पाई!

अब जब हुम्रारा पीरियड ख़त्म होता, और एक 45 मिनट्स का ब्रेक मिलता, वही उसके साथ भी था! मैं अपना एक साइड में, अपने दोस्तो के साथ, बैठ जाता और ठंडी की धूप सेकते! वो भी बाहर आ जाती, और अपनी दोस्तों के साथ खड़ी हो कर हम दोनों आँख मिचोली करते!

एक दिन मुझे उसके डिपार्टमेंट में किसी काम से जाना पड़ा, वैसे उस टाइम, मैं कॉलेज में बहुत फेमस था! वो, भी वहीं खड़ी थी, और इत्तेफाकन अकेली थी! मैं अपना काम करके जैसे ही वापस आ रहा था कि, उसने मुझे हेल्लो' कहा, जब मैंने ध्यान नहीं दिया, तो उसने थोडा जोर से फिर हेल्लो कहा! अब मैंने, उसकी और देखा, और उसे हेल्लो कहा! मेरा हेल्लो कहना था कि वो, सीढियों में मेरे करीब आ कर बोली कि, 'आप मुझे अच्छे लगते हो'! मेरी तो जैसे जान सी निकल गयी! मैं उसे देखता ही रह गया! उसने मेरा हाथ पकड़ा और पुछा 'सब ठीक है ना?', मैंने कहा हाँ! और उसके बाद वो मेरी एक अच्छी दोस्त बन गयी!

अब हमारा, एक दुसरे को देखना ज्यादा शुरू हो गया, और हम दोनों कॉलेज में बात भी करने लगे तो, इससे कुछ लड़के, जो उसके दीवाने थे, मुझसे जलने लगे! ये सब बातें, जब मेरे उस दोस्त को पता लगी, तो वो तो जैसे, मेरा शागिर्द हो गया! और मान गया कि, मैंने जो कहा था, वो ठीक था!

कुछ समय बाद पता चला कि, उस लड़की की तबियत बहुत खराब हुई, और वो bed ridden हो गयी! इसके कुछ और समय बाद वो इस दुनिया से रुक्सत कर गयी! उस लड़की के वो शब्द, आज भी मुझे यद् हैं! वो वाकई बहुत सुन्दर, सहनशील, घरेलु और इमानदार लड़की थी! शायद उसका मेरा उतना ही साथ था!


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