पहाड़ो की वादियों में प्यार...
मेरी एक हसीन शाम वाली महिला से फिर फ़ोन पर बात हुई, और इस बार हम दोनों का किसी हिल स्टेशन पर जाने का मन हुआ! वो, चाहती थी कि, वो मेरे साथ 2-3 दिन के लिये पहाड़ो पर जाये, और हम एक साथ कुछ टाइम बिताये।

हम दोनों का प्लान बना, रात की ट्रेन से हमें जाना था, तो शाम को हम 6-7 बजे मिले, 8 बजे एक पब में गये, 2-3 ड्रिंक्स लगाये, खाना खाया, और 10 बजे वाली ट्रेन में, जिसमे हम दोनों का रिजर्वेशन था, चले गये. सुबह करीब 8 बजे हम अब हिल स्टेशन पर थे।

भीड़ होने की वजह से हमे कोई होटल नहीं मिल रहा था, तो, मैंने कहीं मालूम किया, और एक छोटे से होटल में हमें एक कमरा मिल गया, उसे उस रूम को देखकर बहुत गुस्सा आया. लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकता था, तो, मैंने उसे समझाया कि, कल हम कही-ना-कहीं किसी और जगह या किसी नए होटल में शिफ्ट कर लेंगे. उसने मान लिया और कमरे की थोड़ी सी सर्दी ने उसका दिमाग भी ठंडा कर दिया।

दिन का 1 बजा था, और अब मुझे नहाने जाना था, मैंने अपनी दारु खोली, और एक पेग पीने लगा, यह देखकर की मैं अकेला पी रहा हूँ, उसने भी मेरा साथ दिया, और हम दोनों ने दिन में नहाने से पहले 2-2 पेग्स लगाये, और एक दुसरे को संतुष्ट कर डाला. उसने गरम पानी मंगवाया, और नहाने चली गयी. मैं ठन्डे पानी से ही नहा कर, फ्रेश हो गया, और अब हम दोनों बिस्तर पर शाम 6 बजे तक दारु पीते रहे, खाना खाया और सो गये!

सुबह करीब हम दोनों 7 बजे उठे, फ्रेश हुए, ब्रेकफास्ट खाया और एक बार फिर मस्ती करने का मूड हुआ तॊ, हम फिर एक दुसरे के साथ जुड़ गये. उसे अब यह होटल रूम अच्छा नहीं लग रहा था! तो, मैंने पास ही के एक रिसोर्ट में उसके मालिक से बात की और उसने एक बहुत ही बढ़िया रूम अपने रिसोर्ट में हम दोनों के लिये बुक कर दिया! अब हम वहाँ पहुँच गये, लेकिन उस रूम की सफाई हो रही थी, तो हम पहाड़ो में, पेड़ की छाव में बैठे, मौसम का आनंद ले रहे थे. उसे वो जगह बहुत पसंद आयी, मेरी तारीफ किये बगेर वो नहीं रुक रही थी, क्यूंकि उसने उस तरह का नज़ारा पहली बार देखा था।

दिन का करीब 11:30 हुआ था, और हम दोनों का मूड पहाड़ो की वादियों में, ठंडी जगह में दारु पीने का होने लगा. मेरे पास 1 लीटर की कोल्ड ड्रिंक थी, जो बोतल में आधी हो चुकी थी, मैंने उसमें दारु मिलाई और दिन में, दोनों दारु पीना शुरू हो गये, सबको लगा, जैसे हम कोल्ड ड्रिंक पी रहे थे!

करीब एक घंटे तक हम दोनों बाहर बैठे दारु पीते रहे, हम दोनों को काफी अच्छा नशा हो चूका था, और अब अपने रूम में जाने का टाइम आ चूका था।

हम दोनों कमरे में गये, दरवाज़ा बंद करते ही, गाना चलया, और दोनों नशे में डांस करने लगे, उसको पीछे से कसके पकड़कर, उसको किस करते हुए, एक दुसरे के कपडे उत्तरते हुए, हम अभी भी डांस कर रहे थे, हम दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था! पहली बार हम दोनों नग्नावस्था में डांस कर रहे थे. गाने चलते रहे और हम बिस्तर पर आ गये, एक दुसरे को चूमते हुए, एक दुसरे का एहसास करते हुए, न जाने हम कितनी बार जुड़े, नहीं मालूम।

शाम को करीब 6:30 पर हम दोनों बाहर एक पहाड़ी पर गये, और वो वहाँ एक प्लेन सी जगह पर लेट गयी, मैं उसके उपर लेट गया, क्यूंकि मुझे मालूम था कि, वहाँ पर कोई नहीं आयेगा, और अब खुले आसमा के नीचे हम दोनों की प्रेम लीला फिर शुरू हो गयी. हम दोनों एक दुसरे को किस करने लगे. मेरे हाथ उसके कपड़ो के अंदर थे, वो भी कम नहीं थी, और उसने भी मेरे कपड़ो के अंदर अपने हाथ डाल दिए, मुझे ज्यादा तकलीफ नहीं हुई, क्यूंकि वो लॉन्ग स्कर्ट में थी।

अब उसने मेरा शिशन निकला, और उसे बैठ कर चूमना शुरू कर दिया, जब उसमे इतनी उत्तेजना हो गयी, तो फिर वो मेरे उपर बैठ गयी, वो अपनी पेंटी पहले ही उतार कर अपने पर्स में डाल चुकी थी, अब हम दोनों खुले आसमान के नीचे खुले में सम्भोग कर रहे थे, हम दोनों को ठंड में, खुले में, बहुत मज़ा आ रहा था! यह शायद हम दोनों का पहली बार इतना खुले में था! उसने अपनी ज़िन्दगी में कभी ऐसा नहीं किया था! हम दोनों को करीब 10-15 मिनट लगे, और फिर ठंड ज्यादा हॊने की वजह से दोनों करीब 7:30 बजे वापस कमरे में आ गये।

हम दोनों ने वो यादगार 4 दिन उन पहाड़ो पर बिताये, वो यादें आज भी हैं, उसका आज भी मन है कि, एक बार और पहाड़ो पर मैं उसके साथ जाऊ. अब देखते हैं!…


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