थ्री व्हीलर में रंग रलिया...
मेरी एक दोस्त जो बैंगलोर की रहने वाली है, अपने किसी ऑफिसियल ट्रिप पर देश की राजधानी दिल्ली (देल्ही) शहर में आयी! हम दोनों वैसे तो बहुत समय से फ़ोन पर बात कर रहे थे! लेकिन मिलने का मौका पहली बार मिला था!

हम दोनों के बीच अपनी फोटोग्राफ का, आदान प्रदान हो चूका था, और हम दोनों एक दुसरे एक के अच्छे फ्रेंड भी बन चुके थे! एक दुसरे की खिचाई करना, एक दुसरे को चुटकले (गन्दे) सुनाना, यौन सम्बन्धी बाते करना से फ़ोन अब हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता था!

वो देखने में सावली, 163 इंच लम्बी, छरहरी बदन वाली और एक सेक्सी फिगर वाली बंदी थी! उसकी फोनिक वोइस हर किसी को, उसकी और आराम से आकृषित कर सकती थी! मैं भी बिंदास और वो भी! हमारे इस बिंदास नेचर के कारण हुम दोनों अब बहुत पट रही थी! वो मुझसे मिलने के लिए उत्साहित थी, लेकिन मैं भी कम उत्साहित नहीं था! हम दोनों का नेचर बहुत मिलता था! हम दोनों शायद वो करते थे, जिसमे रोमांच हो, डर हो, रिस्क हो! इसलिए हम दोनों अब एक अच्छे दोस्त थे!

वो दिल्ली आयी, मैं उससे मिला और देखते ही हम दोनों एक दुसरे के गले लग गये! वो छुट्टी का दिन था, और 2 बजे तक हमने इधर उधर टाइम बिताया! शाम को उसका मूड दिल्ली घूमने का हुआ, और हम दोनों ने तय किया कि, आज दिल्ली थ्री व्हीलर, जिसे हम दिल्ली की जुबान में ऑटो कहते हैं, में पूरा दिल्ली देखेगे! अब दो बिंदास लोगो ने एक ऑटो किराए पर दिल्ली घूमने के लिये लिया!

हम लोग पहले 4 बजे कुतब मीनार गये, एक घंटा कुतब मीनार को अंदर से देखने के बाद, हम दोनों देल्ही मेट्रो पर सवार हो गये, जिससे हम आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (ए.आई.आई.एम.एस, AIIMS) पहुचे! AIIMS के बाद हम दोनों साउथ एक्सटेंशन पहुचे और 20 मिनट्स में कुछ शोपिंग करके, अपने उसी थ्री व्हीलर वाले को, जिसे हम दोनों ने किराये पर लिया था साउथ एक्सटेंशन में एक दूकान पर मिलने के लिए कह दिया था! अब हम दोनों फिर उस ऑटो में सवार हो कर इंडिया गेट, प्रगति मैदान हॊते हुए ISBT (आई.एस.बी.टी) की और चल पड़े! शाम के करीब 8 बज चुके थे!

अब हम दोनों देल्ही नार्थ कैंपस पहुचे, जहां हम दोनों को कुछ भूख लगी, और वहाँ मैंने एक वोडका का हाफ भी ले लिया था! कुछ स्नैक्स खाने के बाद मैंने 2 छोटे लिम्का लिए, और उसमे वोडका डाल, दोनों ऑटो में ही सिप-सिप करके पीने लगे! नार्थ कैंपस से आगे शक्ति नगर होते हुए हम आजादपुर मंडी पहुचे, और हमेशा की तरह देल्ही के ट्रैफिक जैम मे, हम लोग भी आजादपुर मंडी में फ़स गये! रात करीब 9 बजे हम लोग रोहिणी पहुचे! हम लोगो की वोडका भी ख़त्म हो रही थी! और दोनों को शराब का सरूर भी होने लगा था!

मैंने उसका हाथ पकड़ा तो वो, मेरे और करीब आ गयी, मैंने ऑटो के दोनों साइड के कवर्स नीचे गिरा दिए, और अब हम दोनों एक दुसरे को बेतहाशा चूमने लगे! हम दोनों की कामुकता इतनी थी कि, उसने मुझे नीचे भी सहलाना शुरू कर दिया! हम एक दुसरे को अपनी बाहों में लिए चूम रहे थे, और मेरा एक हाथ अब उसकी छाती पर था! हम दोनों ने एक दुसरे को रोहिणी से चूमना शुरू किया और आई.आई.टी गेट (IIT गेट) तक चूमते रहे!

ये सब हम दोनों ने पहले ही तय किया हुआ था कि, एक दिन हम दोनों दिल्ली की सडको पर इसी तरह का एक रोमांच भरा सफ़र करेंगे! जिसमे रोमांच, डर और रिस्क होगा, जो उस दिन हम दोनों ने किया! हम दोनों ने दिल्ली की सडको पर रंग रलिया मनाई, जिसका हम दोनों ने बखूबी ख़ूब मज़ा लिया! फिर मैंने उस कुतब होटल छोड़ा और अपने घर वापस आ गया! आज भी हम दोनों एक अच्छे दोस्त है! और इस रोमांच भरी जिंदगी में ज़बरदस्ती कोई ना कोई रोमांच पैदा कर ही देते हैं!


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