एक अजीब दास्तान...
एक बार डेटिंग वेबसाइट पर चैट करते हुए एक ऐसी लड़की से बात हुई, जिसने 7 साल US में बिताये थे, वहाँ पर वो एक टीचर थी. और उसी साल अपना डाइवोर्स लेकर वापस इंडिया आयी थी!. उसकी एक २ साल की बेटी भी थी, उसके बात माँ-बाप भी थे, लेकिन उसको अपनी प्राइवेसी पसंद थी, इसलिए वो अपने मा-बाप से अलग उसी शहर में अपनी बेटी के साथ अलग घर में रहती थी।

हमदोनों ने ईमेल एक दुसरे को लिखे और अब हम दोनों का कम्युनिकेशन शुरू हुआ! मैंने अपना फ़ोन नंबर उसे दिया, लेकिन उसने पहले ही मना कर दिया कि, जबतक उसे मेरे पर एक विश्वास नहीं हो जाता, हम दोनों फ़ोन पर बात नहीं करेंगे. मैंने उससे कहा, जबतक हमदोनो एक दुसरे से बात नहीं करेंगे, एक दुसरे को नहीं जान सकते, और जब हम एक दुसरे को जान ही नहीं सकते, तो विश्वास तो बहुत दूर की बात है. उसे मेरी बात सही लगी, और अब हमदोनो फ़ोन पर एक दुसरे से बात करने लगे।

बातो ही बातो में पता लगा कि, वो बड़ी ही गुस्सेल लड़की थी! लेकिन वो दिल की अच्छी थी! मैंने अपनी फोटोग्राफ उसे दिखाई, उसे मैं पसंद आ गया. अब मैंने उससे उसका फोटोग्राफ माँगा लेकिन, उसने यह कहकर की वो मुझसे मिलना पसंद करेगी, और मैं उसे साक्षात् ही सामने देखूं. मुझे कोई दिक्कत नहीं थी!. इसके बाद भी हमदोनों बात करते रहे. और फिर हमदोनो ने मिलने का प्लान किया. मुझे मालूम था की उसके शहर जाने में मुझे 5 घंटे लगेगे, और मुझे उससे मिलकर रात को ही वापस आना होगा, ये सोचकर मैंने एक प्लान बनाया।

अब वो दिन आ ही गया, जब मैंने सुबह करीब 10 बजे गाड़ी ली, और उसके शहर 4 बजे पहुच गया! वो मुझे अपनी गाडी में लेने आयॆ, उसे देखे ही मेरे मुह से WOW निकला, वो मुझे पहचान चुकी थी, और अब मैं उसके साथ उसकी गाडी में बैठा था. मुझसे उसकी सुन्दरता की तारीफ किये बगैर नहीं रुका जा रहा था, और उसे शर्म आ रही थी. उसका चेहरा शर्म से लाल हो गया था, और मैं उसे और हँसा रहा था।

हमदोनों अब उसके घर पहुचे, उस दिन उसने अपनी बेटी को अपनी माँ के पास छोड़ा हुआ था, और अपनी माँ से बता चुकी थी, की वो अपने एक दोस्त से आज मिलेगी. अब हम दोनों उसके घर में अकेले थे. उसका घर देखकर मैं दंग रह गया, उसका 3 बेडरूम सफाई और इंटीरियर्स देख कर दिल खुश हो गया! वो मेरे लिये पानी लाई, चाय के लिये पुछा और अब हमदोनो चाय पी रहे थे! शाम के करीब 7 बज चुके थे, और वो मेरे साथ कहीं पब में जाना चाहती थी तो, मैंने हाँ किया, और अब हमदोनो एक होटल में एक पब में चले गये।

हमने २ पेग्स वोडका के आर्डर किये, करीब 10 बजे तक मैंने 3 और उसने २ वोडका के पेग्स लिये, उसे दारू के साथ सिगरेट पीने का शौक था, अब खाना खाकर हम दोनों वापस चल पड़े, मैंने उसकी आँखों में देखा, उसे मैं बहुत पसंद आ चूका था, लेकिन मुझे वापस अपने शहर वापस भी तो आना था, तो उसने मुझसे कहा की वो मुझे बस स्टैंड छोड़ देगी. मैंने ना जाने का बहाना करते हुए कहा कि, क्या हम दोनों कुछ टाइम एक साथ और बिता सकते हैं? और मैं रात 12 बजे वाली बस से चला जायूंगा. उसने हाँ कहा, फिर सामने वाइन शॉप देखकर मैंने, वोडका खरीदने की बात करी, तो उसने कहा की उसके पास घर पर रखी हुई है।

हमदोनो अब उसके घर की और चल पड़े! घर पहुचकर मैंने सबसे पहले २ वोडका के पेग्स बनाये, हमदोनो जमीन पर बैठकर दारु एन्जॉय कर रहे थे, बीच बीच में हमदोनो एक दुसरे की किस भी कर रहे थे. ना जान कब रात के 2 बज गये, और पता भी नहीं चला. मैं अभी भी वोडका पी रहा था, उसने मुझसे ना पीने को कहा. क्यूंकि मैं बहुत पी चूका था।

अब हमदोनों उस वक़्त दारु के नशे में मस्त थे, और वो अब मस्ती के मूड में थी, और न जाने क्यूँ मेरी शर्ट उतारने लगी, फिर उसका मुझे किस करना, मेरे शिशन को चूमना उसे अच्छा लगने लगा. वो शायद इतनी हॉट हो चुकी थी की अब उससे रहा नहीं जा रहा था कि, उसने मुझसे कहा की अब वो कमरे में मेरे साथ सोना चाहती है. हमदोनों दुसरे कमरे में चले गये, मैंने अपनी जीन्स उतारी, और अब मैं अपनी V-शेप चड्ढी में था।

मुझे इस तरह देखकर जब उससे रुका नहीं गया तो, वो मेरे उपर आ गयी, अपने सारे कपडे खोलकर और मुझे निवस्त्र कर उसने मेरे उपर सवारी करनी शुरू कर दी! मुझे कोई मजा नहीं आ रहा था, लेकिन उसे जो मजा आया, वो मैंने उसकी सिस्कियो में और उसके स्पर्श से महसूस किया. खुद को संतुष्ट करने के पश्चात हमदोनो ने अपने आप को साफ़ किया और 3 बजे सोने चले गये।

सुबह 6 बजे उसने मुझे जगाया, चाय पिलाई, हमदोनो एक दुसरे के गले लगे, किस किया और वो मुझे छोड़ने बस स्टैंड चल दी. मैंने बस का टिकट लिया और बैठने के लिये जैसे ही चलने लगा वो, दौड़ती हुई वापस आयी और बस स्टैंड में किसी की परवाह किये बगैर मेरे गले लग गयी. सभी लोग हमें देख रहे थे, मुझे थोड़ी सी शर्म आ रही थी, लेकिन मुझे वो स्टाइल बहुत अच्छा लगा। ऐसा मैंने अभी तक फिल्मो में ही देखा था, लेकिन उस दिन वास्तव में वो मेरे साथ हुआ!

बस चल पड़ी, और मैं सारे रास्ते उसके बारे में सोचता रहा. लेकिन यह सिलसिला अभी ख़त्म नहीं हुआ था! हमदोनो अभी भी फ़ोन पर बात कर रहे थे. इस बार प्लान बना, की हमदोनो किसी हिल-स्टेशन पर २-३ दिन के लिये जायंगे! जबकि हमदोनो जानते थे कि, ना मुझे उससे, ना उसे मुझसे प्यार था, लेकिन हमदोनो की केमिस्ट्री बहुत अच्छी थी! और फ़िर आगे......!


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